जवाहर बाल भवन  मांडी के विकास के लिए बाल भवन प्रशासन , प्रशिक्षकों तथा कर्मचारियो  को  मिल कर अथक प्रयास करना होगा 2012 के बाद से हालत बहुत खराब हो गए हैं। बच्चो  की संख्या बहुत कम हो गई है।
प्रशिक्षकों के न होने  के कारण अधिकतर अनुभाग [कक्षाएं ] बंद हैं। रखरखाव भी ठीक से नही हो रहा है बाल भवन मांडी जो कभी बच्चों की बगिया था।  आज जंगल बना हुआ है। एक समय था सुबह व साम  को गाव के लोग सैर करने तथा बच्चों के साथ घूमने आते थे ,महिलाये  योग करने के लिए रोज सुबह माँडी बाल भवन आती थीं।  बच्चों का ताँता लगा रहता था। आज की स्तिथि देखकर  आश्चर्य होता है की यह क्या हुआ। कृपया आवाज उठाएं  बच्चों की बगिया और मांडी बाल भवन को बचाएं। जो दिल्ली का एक मात्र ग्रामीण बालभवन है। 

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